आशा का आँगन
मंगलवार, जून 27, 2017
दोहा
झील किनारे बैठ जो,लिखी चाँदनी रात।
दुनिया भर में उड़ गई,इश्क़ हुआ यह बात।।
आशा पांडेओझा
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